(निराश्रित गायों के लिए प्रस्तावित)
विश्व की सबसे बड़ी गोशाला


भारत वर्ष में गायों को गऊ माता के रूप में पूजा जाता है। यह न केवल एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक है बल्कि आर्थिक  और पर्यावरणीय रूप से भी महत्वपूर्ण है। गऊ माता को 33 कोटि देवी देवताओं का निवास स्थान माना जाता है। हिंदू धर्म में  गायों को भगवान कृष्ण और अन्य देवताओं से जोड़ा जाता है तथा कई त्यौहारों और अनुष्ठानों में इसकी पूजा की जाती है।


सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण होते हुए भी भारतीय समाज में गौ माता को दूध देना बंद करते ही अनाथ  कर दिया जाता है। और ये सड़क पर भटकती रहती हैं। एक अनुमान के मुताबिक भारत में 5 करोड़ के लगभग निराश्रित गाय है।


इस विकट समस्या को ध्यान में रखते हुए हरिगुंज फाउंडेशन ने यह तय किया है कि ब्रजग्राम परियोजना में 1 लाख निराश्रित गायों को आश्रय दिया जाएगा। हमारी योजना में भारत वर्ष के सभी जिलों में निराश्रित गायों की गौशाला बनाना प्रस्तावित है।

सफेद चंदन का पेड़

सफेद चंदन का पेड़ एक छोटा उष्णकटिबंधीय पेड़ है, जो अपने सुगंधित लकड़ी और तेल के लिए जाना जाता है। यह पौधा परजीवी होता है, इसलिए इसे अकेले नहीं लगाया जा सकता और इसे सहायक पौधों की आवश्यकता होती है। सफेद चंदन की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी की स्थिति महत्वपूर्ण है।

सफेद चंदन के पेड़ की विशेषताएं :-

परजीवी : सफेद चंदन का पौधा परजीवी होता है, जिसका अर्थ है कि इसे जीवित रहने के लिए किसी अन्य पौधे पर निर्भर रहना पड़ता है।

सहायक पोधे : चंदन के साथ लाल चंदन, कैतुराइना, देसी नीम, मीठा नीम और सहजन जैसे सहायक पौधे लगाए जाते है। जलवायु और मिट्टी : सफेद चंदन के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु और अच्छी तरह से सूखा रेतीली दोमट मिट्टी उपयुक्त है।

मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 - 7.5 होना चाहिए

ऊंचाई : सफेद चंदन का पेड़ 18 से 25 फीट तक ऊचा हो सकता है। तैयारी का समय : इसे तैयार होने में 13 से 15 साल लगते हैं। खेती : सफेद चंदन की खेती ऊसर, बंजर, धूसर और पथरीली जमीन में भी की ता सकती है, लेकिन जलभराव क्षेत्र में नहीं।

सफेद चंदन की खेती :

रोपण : आंशिक छाया से पूर्ण सूर्य के प्रकाश में 3-4 मीटर की दूरी पर पौधे लगाएं। पानी देना : नियमित रूप से पानी दें, लेकिन जलभराव से बचें।
लकड़ी की कीमत : चंदन की लकड़ी का भाव 8,000 से 10,000 रुपये प्रति किलो तक होता है।

लाभ :

एक एकड़ जमीन में 410 पौधे लगाए जा सकते है और 14-15 साल में 2 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हो सकती है।

सरकारी अनुमति :

चंदन के पेड़ को काटने से पहले वन विभाग से मंजूरी लेना आवश्यक है।