सफेद चंदन का पेड़
सफेद चंदन का पेड़ एक छोटा उष्णकटिबंधीय पेड़ है, जो अपने सुगंधित लकड़ी और तेल के लिए जाना जाता है। यह पौधा परजीवी होता है, इसलिए इसे अकेले नहीं लगाया जा सकता और इसे सहायक पौधों की आवश्यकता होती है। सफेद चंदन की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी की स्थिति महत्वपूर्ण है।
सफेद चंदन के पेड़ की विशेषताएं :-
परजीवी : सफेद चंदन का पौधा परजीवी होता है, जिसका अर्थ है कि इसे जीवित रहने के लिए किसी अन्य पौधे पर निर्भर रहना पड़ता है।
सहायक पोधे : चंदन के साथ लाल चंदन, कैतुराइना, देसी नीम, मीठा नीम और सहजन जैसे सहायक पौधे लगाए जाते है। जलवायु और मिट्टी : सफेद चंदन के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु और अच्छी तरह से सूखा रेतीली दोमट मिट्टी उपयुक्त है। मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 - 7.5 होना चाहिए ऊंचाई : सफेद चंदन का पेड़ 18 से 25 फीट तक ऊचा हो सकता है।
तैयारी का समय : इसे तैयार होने में 13 से 15 साल लगते हैं। खेती : सफेद चंदन की खेती ऊसर, बंजर, धूसर और पथरीली जमीन में भी की ता सकती है, लेकिन जलभराव क्षेत्र में नहीं।
सफेद चंदन की खेती :
रोपण : आंशिक छाया से पूर्ण सूर्य के प्रकाश में 3-4 मीटर की दूरी पर पौधे लगाएं। पानी देना : नियमित रूप से पानी दें, लेकिन जलभराव से बचें। लकड़ी की कीमत : चंदन की लकड़ी का भाव 8,000 से 10,000 रुपये प्रति किलो तक होता है।
लाभ :
एक एकड़ जमीन में 410 पौधे लगाए जा सकते है और 14-15 साल में 2 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हो सकती है। सरकारी अनुमति : चंदन के पेड़ को काटने से पहले वन विभाग से मंजूरी लेना आवश्यक है।